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Wednesday, May 12, 2010

शतरंज मस्त क्रिकेट पस्त...




दोस्तो नमस्कार.....

दो बातें है एक अच्छी और एक बुरी............पहली ये कि हम एक बार फिर से विश्व चैंपियन हो गये.....जी हां वन मैन ऑर्मी वाले खेल में हम विश्व विजेता बन गये है .....लेकिन वहीं ११ मैन ऑर्मी वाले खेल में हम ढाक के तीन पात हो गये......... जी हां भारतीय शेर कहे जाने वाले धोनी के धुरंधर बड़े ही बुझे मन से स्वदेश वापसी कर लिये है.....ट्वेन्टी - ट्वेन्टी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की शर्मनाक हार हुई है...........लेकिन संतोष देने वाली खबर ये है कि शतरंज में हम अपने शेर के वजह से पूरे विश्व में सिर उंचा किये हुए है.......सोफिया में खत्म हुई विश्व कप में भारतीय जाबांज विश्वनाथन आनंद से बेसलीन तोपालोव को बुल्गारिया के सोफिया में वासेलिन टोपालोव को १२ वीं और अन्तिम बाजी में हरा दिया है.....शतरंज में भारतीय झंडा जहां फहरा रहा है॥वही आईपीएल के वजह से हम साल २००७ के उस याद को फिर से दोहरा नही पाये..... खैर आईपीएल में पार्टी शार्टी का दौर चला लोग मस्ती किये...खुद टीम इंडिया के सेनापति भी मौज मस्ती किये...लेकिन अब वो चेत गये है कि पार्टी खतरनाक है भाई.....




अब हम असली भारतीय शेर यानि विश्वनाथन आनंद की बहादुरी के किस्से बतातें है-------


विश्व चैम्पियनशिप (2000, 2007, 2008 और 2010), विज्क आन जी में कोरस सुपर जीएम टूर्नामेंट (1989, 1998, 2003, 2004, 2006), डार्टमंड (1996, 2000, 2004), कोरसिका मास्टर्स (2000, 2001, 2002, 2003, 2004), मेंज में चेस क्लासिक ( 2000, 2001, 2002, 2003, 2004, 2005, 2006), विश्व कप : 2000, 2002), मलोडी अंबर टूर्नामेंट (1994, 1997, 2003, 2007), रेगियो एमीलिया (1991), लिनारेस (1998, 2007), द क्रेडिट सूइसी मास्टर्स (1997), डोस हेरामनास : (1997)।

Sunday, May 9, 2010

चकल्लस में मीडिया...


नमस्कार दोस्तों-
मीडिया मीडिया और मीडिया..........हर जगह ये लोग पहुंचे रहते है....बिना बताये और बिना बुलाये....अभी हाल ही में शिरडी में एक घटना घटी...या कहे कि घटना घटा दी गयी...रितिका रोशन मीडिया के दुश्मन बन गये थे...हर न्यूज़ चैनल उनको खलनायक के रूप में पेश कर रहा था.....मीडिया के साथ बदसलूकी का पूरा ठीकरा रितिक रोशन पर फोड़ दिया गया.. पूरा माजरा हम आपको बताते है कि क्या हुआ था उस दिन.....फिल्म अभिनेता रितिक रोशन अपने परिवार के साथ शिरडी के सांई बाबा के मंदिर में दर्शन करने गये थे...जो कि वो हमेशा किसी भी फिल्म के रिलीज होने के पहले करते है....ऐसा इस बार भी किये..लेकिन घटना ये घटी कि बिना बुलाये मेंहमान वहां भी पहुंच गये....फिर क्या होना था...वही जो बिना बुलाये मेहमान करते है...धक्का मुक्की का दौर चला...और इल्जाम लगा रितिक रोशन पर...रितिक को कहा गया कि वो फिल्म के पब्लिसिटी के लिये इस तरीके की हरकत कर रहे है..जबकि रितिक ने ट्विटर पर लिखे कि ये उनका निजी दौरा था जिसमें वो मीडिया को मना कर रहे थे लेकिन मीडिया ने नहीं माना और उनका फोटो खीचने लगें...जिसकी वजह से ये सारा मामला हो गया...अब रितिक रोशन को भी समझना चाहिये कि शिरडी के सांई बाबा उनके अकेले तो है नही...मीडिया ने बकायदा मंदिर प्रशासन से अनुमति लेके मंदिर में प्रवेश किया था....खैर ऐसे मौको पर मीडिया ताक में रहती है कि कोई घटना ऐसी हो जाये जिससे उनको मशाला मिल जाये...भाई मीडिया के बारे में जहां तक मै जानता हूं वहां एक बात सामने निकल के आती है..वो बात ये है कि रिपोर्टर जब भी किसी ख़बर के लिये ऑफिस से निकलता है तब उसका मेन मोटो यही होता है कि कोई ब्रेकिंग मिल जाये नहीं तो बना ली जायेगी क्योंकि बॉस की तारीफ जो बटोरनी है...इन रिपोर्टर लोगो को ये पता होना चाहिये कि वो इन सस्ती टीआरपी के चक्कर में जो काम करते है उससे सामने वाले के दिल पर क्या बीतती है....न्यूज़ चैनल वालो के लिये सबसे बड़ी खबर वॉलीवुड से होती है...अगर मुंबई में किसी कलाकार को छींक आ गयी तो ये लोग पूरे मुंबई के तापमान का पोस्टमॉर्टम कर देंगे....लेकिन अगर उड़ीसा या फिर झारखंड में किसी नक्सली का कहर टूटेगा तो ये उस ख़बर को महज टिकर में अपडेट कर देते है......खैर रितिक रोशन जैसा मामला खली और कुछ दिन पहले टीम इंडिया के स्पिनर हरभजन सिंह के साथ हुआ.....अब देखने वाली बात ये होगी कि कभी सच्चाई को सामने लाने की मुहिम में लगी मीडिया अपने पुराने अस्तित्व में कब लौटेगी ।

आपका
विवेक मिश्रा