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Friday, July 3, 2009

हमारी बिहार यात्रा.....

नमस्कार दोस्तों......
वैसे हमारी बिहार यात्रा एक बार हो चुकी है....ये हमारी दूसरी यात्रा थी। हमारे ही सहयोगी नवीन की शादी में पटना जाने का सौभाग्य मिला... सोचा बहुत था कि पटना कैसा होगा? क्योंकि पटना के बारे में मन में बहुत कुछ भ्रांतियां थी। मेरी समझ में आ रहा था कि पटना शहर कैसा होगा... लेकिन मेरी समझ उसी समय काफूर हो गयी जब मैं स्टेशन पर पहुंचा ... इतनी साफ-सफाई कि फर्स आईना का काम कर जाये...सलीके वाले लोग... लगा कि लखनऊ या इलाहाबाद के स्टेशन पर हूं।
शुरूआत करते है अपनी यात्रा से,,, मेरे साथ में हमारे मुंहबोले बड़े भाई संजीव सिंह और प्रशांत सिंह थे... साथ में दूरदर्शन के माननीय पत्रकार अतुल मिश्रा जी थे... अतुल जी थोड़ा बड़बोले किस्म के पत्रकार है। जिंदगी के बारिकीयों को नजदीक से देखते है लेकिन समय की पांबदी से कोई वास्ता नही है अतुल जी का... हां साथ में दो बड़े भाई हो तो क्या कहने... प्रशांत भैया और संजीव भैया से जिंदगी की बारिकीयों को नजदीक से सीखने का मौका मिला है। स्टेशन पर सबसे पहले संजीव भैया पहुंचे थे....फिर मैं...फिर प्रशांत भैया और अंत में माननीय अतुल......
खैर ट्रेन चल चुकी और शुरू हो गया मस्ती का दौर... इतने दिन बाद हम लोग एक साथ मिले थे तो मस्ती लाजिमी थी। गप शप के दौर में समय का पता ही नहीं चला फिर प्रशांत भैया के घर से डिनर आया था... छक के भोजन किया गया... मजा आ गया था। ट्रेन में मस्ती का दौर भी खूब चला॥ रास्ते में बिहार दर्शन.... खेत खलिहान... धान की रोपाई के लिये तैयार हो रहे खेत.... नदी... नाले... नहर सब कुछ था रास्ते में .... भाई दिल्ली में कहा देखने को मिलता है ये सब.... ढंग से आसमान भी नही दिखता दिल्ली में.....
लालू के समय में एक बार सोनपुर गया था ... दोस्त की बहन की शादी थी... करीब दस साल पहले... हालांकि पटना यात्रा में खूब मजा आया ... पटना शहर की खूबसूरती मन को मोह ली.... भाई दिल्ली कभी अपनी-अपनी नहीं लगी... लेकिन पटना से तो जैसे प्यार हो गया... सलीके वाले लोग.... टैक्सी वाला... होटल वाला.... सब कोई सलीके वाले..... खैर नीतीश सरकार द्वारा बनाये गये फ्लाई ओवर और ढंग के सड़क सब कुछ बढ़िया था......
दोस्तों दूबारा मौका लगेगा तो पटना जरूर जाऊंगा.....

आपका
विवेक

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