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Saturday, February 5, 2011

वर्ल्ड कप के बदलते रंग....



बड़े कॉलर वाली शर्ट .. बेलबॉटम पैंट .. बड़े बाल और बड़ी मूछें ... और आने वाले बदलाव की सोच लिए इस फटाफट क्रिकेट के महाकुभ को शुरु हुए 36 साल हो चुके है .... इन 36 सालों में ना तो गेंदबाजो और बल्लेबाजो के बीच में छत्तीस का आकड़ा बदला ... ना ही चौको छ्क्को की बारिश बंद हुई .. ना ही क्रिकेट का रोमांच कम हुआ ...और ना ही विरोधी को ध्वस्त करने की कोशिश कम हुई ... बस बदला तो इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ियो का स्वरूप ....

1975 में जब पहली बार क्रिकेट का वर्ल्ड कप शरु हुआ तो हम हर टीम के खिलाड़ी को बटन वाली शर्ट जिसकी उपर की चार बटन खुली .. और 22 इंच की मोहरी वाली पैंट आज भी लोगो के जेहन में ताजा है शर्ट पर भले ही एक भी स्पांसर का लोगो ना हो पर ... खिलाड़ियो का अंदाज कम निराला नहीं था ....तब ज्यादातर खिलाड़ी रौबदार मूछों के साथ मैदान पर नज़र आए .. और ये सत्तर के दशक के फैशन का दौर था तब .. और ये फैशन 4 साल बाद भी कायम रहा .. जब 1979 में लगातार इसी तरह के गेटअप और सेटअप के साथ कैरेबियन टीम ने लगातार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया ..बस फर्क इतना था कि तब के क्रिकेटर मूछ के बिना अपनी सूझ के जरिए पहचान बनाने की कला समझ चुके थे ...

1983 वर्लड कप में बहुत कुछ बदला ... शर्ट की जगह टीशर्ट ने ले ली थी ..... बैट पर लोगो दिखने लगा था ....और मूछों का चलन फिर लौट आया था .... इन्ही मूछों की करामात ने टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया था ... कप्तान कपिल समेत ... टीम में सबकी मूछें थी और फिर क्या था कप पर टीम इंडिया का कब्जा ... मूछों का ये प्रचलन .. 1987 में भी रहा .. और फाइनल में दो मूछों वालो कप्तान की भिड़ंत में एलन बार्डर ने कप पर कब्जा किया .. ये वो दौर था जब टीशर्ट पर लोगो और क्रिकेट के मैदान पर पैसे बरसने का दौर शुरु हुआ .....

1992 ..... नब्बे के दशक में क्रिकेट के मैदान पर सबकुछ बदलता नज़र आया ॥ पहली बार वर्ल्ड कप रंगीन कपड़ो में रोशनी के बीच खेला गया ..मूछें गायब हो चुकी थी ... चुस्त टीशर्ट ... बड़े बाल ... बेहतरीन सुविधाए और .. शानदार लुक्स के बीच में पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप पर कब्जा किया ... ये वो दौर था जब क्रिकेट खेल एक बड़े बदलाव की तरफ आगे बढ़ रहा था ....कुछ इसी तरह के बदलाव के बीच 1996 में श्रीलंका ने वर्ल्ड कप पर कब्दजा किया ... टीशर्ट पर लोगों .. खेलने की शैली में बदलाव और ढेरो स्पेंसर के बीच बदलने लगा खिलाड़ियों का लुक .... 1999 ... वरर्ल्ड कप में ..में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला .. टीशर्ट पर कुछ लिखने की जगदह नहीं थी .. खिलाड़ी नाम नहीं नंबर से पहचाने जाने लगे .... और बॉल बड़े के बजाए छोटे होने लगे ... ये वो दौर था जब क्रिकेटर्स के बीच में क्रूज कट बहुत लोकप्रिय हुआ ...... ये वो दौर था जब आस्ट्रेलियाई टीम ने वर्ल्ड क्रिकेट पर अपना साम्राज्य स्थापित करना शुरु किया था ... 1999 से 2007 तक यानि 8 साल आस्ट्रेलियाई टीम ने वर्ल्ड क्रिकेट पर राज्यय किया .... इस दौरान .. कभी मूछे आई तो कभी गई ... खिलाड़ी आए भी गए भी ... बस नहीं गया तो फैशन और खिलाड़ियो के बदलते लुक का जमाना ...... अब बात 2011 वर्ल्ड कप की है ... और सबको इंतजार इस वर्ल्ड कप में आने वाले फैशन का है ..... तो तैयार हो जाइए आप भी इस बदलाव का मज़ा उठाने के लिए ...



आपका

विवेक मिश्रा

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